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ही hindi kavita हर वीभत्स भीड़ भाती हैं खुशियां क्या दुख हिन्दी कविता जीवन है तंत्र गांव में सुखों के पल दुखद किसी शर्मनाक खुशियां लुटाएं दुख सदा हर शहर 52weeks writing challenge

Hindi दुखद सदा ही हर दुख Poems