तुम्हारे भाग्य में भी सकल जगत का, नित्य है राज सारा। तुम्हारे भाग्य में भी सकल जगत का, नित्य है राज सारा।
दुखद सदा ही हर दुख होता है , दुख न किसी को पहुंचाएं हम। दुखद सदा ही हर दुख होता है , दुख न किसी को पहुंचाएं हम।
असमंजस में खोता जीवन, या जीवन में असमंजस है, जीवन में कुछ दुख भी हैं या, दुख ही बस ज असमंजस में खोता जीवन, या जीवन में असमंजस है, जीवन में कुछ दुख भी हैं या, ...
तब हमें तंत्र की क्या जरुरत ? पीट लें छाती या पीट लें कप्पार परिजन निःसहाय थे अन्याय का परिदृश्य ... तब हमें तंत्र की क्या जरुरत ? पीट लें छाती या पीट लें कप्पार परिजन निःसहाय थे ...
फिर कुछ दिनों बाद सब मौन इंतजार में एक और निर्भया के। फिर कुछ दिनों बाद सब मौन इंतजार में एक और निर्भया के।
मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में